Advance SEO Interview Questions जानिए कुछ बहुत ही जरुरीQuestion and Answer

आज के इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा कि Advance SEO Interview Questions कैसे होते हैं, SEO Interview में आपसे किस तरह के सवाल पूछे जाते हैं। इस आर्टिकल में मैं आपको Advance SEO Interview Questions के बारे में बताऊंगा। मैं आपको कुछ ऐसे सवाल बताऊंगा जो SEO Interview में कई बार पूछे जाते हैं। चलिए शुरू करते हैं।

Advance SEO Interview Questions

Advance SEO Interview Questions
  1. Core Web Vitals क्या होते हैं
  2. Google Hummingbird Algorithm क्या हैं
  3. Canonical tag का इस्तेमाल कब और क्यों किया जाता है?
  4. Schema Markup क्या हैं
  5. Crawl budget क्या होता है
  6. Crawling और Indexing में क्या अंतर है?
  7. Duplicate Content को कैसे ठीक करते हैं?
  8. Link juice क्या हैं?
  9. Robots.txt file क्या हैं इसको कहा अपलोड करते हैं?
  10. अगर किसी वेबसाइट के कुछ पेजेज इंडेक्स नहीं हो रहे हैं तो क्या आप उन पेजेज को इंडेक्स करवा सकते हो?
  11. किसी वेबसाइट का बैकलिंक प्रोफाइल ऑडिट करना हैं किस टूल की मदत से कर सकते हैं?
  12. Web 2.0 backlinks क्या होते हैं?
  13. Domain Authority and Page Authority क्या हैं
  14. अगर किसी वेबसाइट का स्पैम स्कोर बढ़ जाये तो उसको कैसे कम किया जा सकता हैं
  15. Lazy Loading SEO पर कैसे असर डालता है?
  16. Image Alt Text क्या हैं
  17. एक पोस्ट में हैडिंग स्ट्रक्चर कैसा होना चाहिए
  18. keyword density क्या हैं
  19. keyword stuffing क्या हैं
  20. गूगल में टॉप पर रैंक करने के लिए एक कंटेंट कितने वर्ड्स का होना चाहिए

Advance SEO Interview Questions तो ये थे कुछ सवाल जो इंटरव्यू में अक्सर पूछे जाते हैं तो अब मैं आपको इन सभी के जवाब बता रहा हूँ।

Answers
Answer:1 कोर वेब विटल्स: इसमें 3 मेट्रिक्स देखे जाते हैं: 1. LCP (लार्जेस्ट कंटेंटफुल पेंट)। इससे पता चलता है कि जब कोई यूजर आपके टाइटल पर क्लिक करता है तो आपका पेज कितनी जल्दी खुलता है। 2. FID (फर्स्ट इनपुट डिले) – इससे पता चलता है कि पेज खुलने के बाद आपका कंटेंट कितनी जल्दी लोड होता है और यूजर को कितनी जल्दी जानकारी मिलती है। 3. CLS (कम्युलेटिव लेआउट शिफ्ट) – यह भी एक अच्छा मेट्रिक्स है। इससे पता चलता है कि आपके कंटेंट में इमेज सही से दिख रही हैं या नहीं, इमेज ऊपर जा रही है या नीचे, आपके कंटेंट का टेक्स्ट ठीक से दिख रहा है या नहीं, कंटेंट ऊपर जा रहा है या नीचे, लिंक सही से काम कर रहे हैं या नहीं, ये सारी चीजें इसमें देखी जाती हैं।.
Answer:2 Google Hummingbird Algorithm गूगल इस एल्गोरिदम को इसलिए लाया क्योंकि यूजर क्या कर रहे थे वह keyword स्टफिंग कर रहे थे अपने वेब पेज को रैंक करने के लिए वे बहुत बार एक ही keyword को अपने वेब पेज में ऐड कर रहे थे जो की सही नहीं है इस चीज को रोकने के लिए गूगल इस एल्गोरिदम को लाया था
Answer:3 Canonical tag का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है ताकि हम Google को बता सकें कि कौन सा content original है। दरअसल हमारी वेबसाइट पर होता ये है कि जब हम अपनी वेबसाइट पर डुप्लिकेट content लिखते हैं तो Google इस बात को सही नहीं मानता है। Google को लगता है कि इस वेबसाइट पर डुप्लिकेट content है इसलिए डुप्लिकेट content को हटाने के लिए हम Canonical tag का इस्तेमाल करते हैं ताकि इस समस्या को ठीक किया जा सके ताकि Google original content को Index कर सके।
Answer:4 Schema Markup एक प्रकार का कोड होता है जिसे हम अपनी वेबसाइट के Head Section में जोड़ते हैं Schema बनाने से हमारा Content अन्य लोगों के Content से काफी अलग दिखता है Schema बनाने से हमारे Content पर अधिक Click होने की संभावना होती है Schema विभिन्न प्रकार के होते हैं जैसे, FAQ, Article Schema, Recipe Schema आदि।
Answer:5 क्रॉल बजट का मतलब यह है कि जब भी गूगल बॉट किसी वेबसाइट पर जाता है तो वह किसी भी वेबसाइट के पेजों को क्रॉल करने की एक सीमा रखता है, इसे क्रॉल बजट कहते हैं। अब अलग-अलग वेबसाइट के लिए क्रॉल बजट अलग-अलग होता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वेबसाइट कितनी बड़ी है, वेबसाइट पर कितने पेज हैं, वेबसाइट की परफॉर्मेंस कैसी है, इसके हिसाब से अलग-अलग वेबसाइट को अलग-अलग क्रॉल बजट दिया जाता है
Answer:6 क्रॉलिंग और इंडेक्सिंग में अंतर यह है कि क्रॉलिंग का मतलब है आपकी वेबसाइट के पेजों को क्रॉल करना और यह समझना कि आपके पेजों में क्या जानकारी दी गई है और इंडेक्सिंग का मतलब है कि गूगल आपके पेजों को अपने डेटाबेस में इंडेक्स करता है क्रॉलिंग के बाद जब तक आपका पेज क्रॉल नहीं होगा तब तक वह पेज इंडेक्स नहीं होगा और जब तक आपका पेज इंडेक्स नहीं होगा तब तक वह पेज गूगल सर्च में नहीं दिखाई देगा इंडेक्सिंग के बाद वह पेज गूगल सर्च में दिखाई देता है।.
Answer:7 डुप्लिकेट कंटेंट को सही करने के लिए आपको अपने खुद के सोर्स से कंटेंट लिखना होगा। आप बस दूसरे लोगों के कंटेंट को देख सकते हैं लेकिन उसे पूरी तरह से कॉपी नहीं करना चाहिए। जब ​​हम खुद ओरिजिनल कंटेंट लिखते हैं, तभी वह ओरिजिनल कंटेंट होता है। आप दूसरे ब्लॉग देख सकते हैं, किताबें देख सकते हैं, वीडियो देख सकते हैं। इन सभी तरीकों का इस्तेमाल करके ओरिजिनल कंटेंट बनाया जा सकता है।
Answer:8 लिंक जूस का मतलब है जब आपकी वेबसाइट का लिंक किसी high अथॉरिटी वेबसाइट पर होता है और वो बैकलिंक्स Dofollow बैकलिंक्स होते हैं तो उस वेबसाइट का कुछ अथॉरिटी वाला हिस्सा आपकी वेबसाइट के साथ शेयर होता है इसे लिंक जूस कहते हैं इससे गूगल के सामने आपकी वेबसाइट की अथॉरिटी भी बढ़ती है।
Answer:9 Robots.txt फ़ाइल इस फ़ाइल को बनाने के पीछे सिर्फ़ एक ही चीज़ है। हम इस फ़ाइल को इसलिए बनाते हैं ताकि हम Google bots को बता सकें कि हम अपनी वेबसाइट पर कौन से पेज इंडेक्स करना चाहते हैं और कौन से पेज इंडेक्स नहीं करना चाहते हैं। और हम बस इस फ़ाइलों को अपने होस्टिंग पैनल पर अपलोड कर देते हैं।
Answer:10 हाँ, हम इसे अनुक्रमित कर सकते हैं लेकिन पहले हमें यह देखना होगा कि पृष्ठों के अनुक्रमित न होने के पीछे क्या कारण है जैसे कि नोइंडेक्स टैग, साइटमैप समस्या, Robots.txt को अवरुद्ध करना, एक बार इन सभी समस्याओं की पहचान हो जाने के बाद हम समस्या को ठीक करके पृष्ठों को अनुक्रमित कर सकते हैं।
Answer:11 यह बैकलिंक प्रोफाइल ऑडिट के लिए एक बेहतरीन टूल है “Ahrefs”
Answer:12 Web 2.0 backlinks ये कुछ ऐसे बैकलिंक्स हैं जहां पर हम अपना अकाउंट बनाकर अपनी पोस्ट शेयर कर सकते हैं, ये कुछ ऐसे प्लेटफॉर्म हैं।Medium ,WordPress.com,Blogger
Answer:13 डोमेन अथॉरिटी और पेज अथॉरिटी दोनों का मतलब है कि डोमेन अथॉरिटी एक सिंगल वेबसाइट के लिए देखी जाती है, पूरी वेबसाइट की अथॉरिटी क्या है और पेज अथॉरिटी सिर्फ एक पेज के लिए देखी जाती है, एक सिंगल पेज की अथॉरिटी क्या है, ये डोमेन अथॉरिटी और पेज अथॉरिटी 100 में से सभी वेबसाइट को दी जाती है, अब ये नंबर जितना बड़ा होगा उतना ही किसी वेबसाइट के लिए अच्छा होता है, ये नंबर जितना ज्यादा होगा वो वेबसाइट उतनी ही ज्यादा गूगल में ऊंचे स्थान पर रैंक करेगी।
Answer:14 अगर किसी वेबसाइट का स्पैम स्कोर बढ़ जाता है तो उसे कम करने के लिए उस वेबसाइट से स्पैमी बैकलिंक्स को हटाना पड़ता है। इसके लिए सबसे पहले आपको किसी टूल की मदद से वेबसाइट के स्पैमी बैकलिंक्स को चेक करना होगा। फिर आपको उन सभी स्पैमी बैकलिंक्स की लिस्ट बनानी होगी। आपको नोटपैड में लिस्ट बनानी होगी। इसके बाद आपको उस फाइल को सेव करना होगा। फिर आपको google’disavow tool’ पर जाना होगा। आपको उसमें यह फाइल अपलोड करनी होगी। 15 दिन के अंदर वेबसाइट से स्पैमी बैकलिंक्स हट जाते हैं।
Answer:15 Lazy Loading का SEO पर बहुत बड़ा असर हो सकता है अगर आपकी वेबसाइट जल्दी नहीं खुलती है या आपकी वेबसाइट पर मौजूद इमेज जल्दी नहीं खुलती है तो गूगल ऐसी वेबसाइट को अच्छे से समझ लेता है और फिर गूगल ऐसी वेबसाइट को अच्छी रैंक नहीं देता है क्योंकि इससे यूजर एक्सपीरियंस अच्छा नहीं होता है गूगल ऐसी वेबसाइट को अच्छी रैंक देता है जिनका यूजर एक्सपीरियंस अच्छा होता है.
Answer:16 जब भी हम अपनी पोस्ट में कोई इमेज जोड़ते हैं तो हमें Image Alt Text देना पड़ता है। यह SEO के लिए अच्छा है क्योंकि इससे Google को यह समझने में मदद मिलती है कि आपकी इमेज किस बारे में है।
Answer:17 आप इसे कुछ इस तरह रख सकते हैं
H1 केवल एक बार (पोस्ट शीर्षक)
H2 प्रत्येक नए विषय के लिए
H3 यदि किसी H2 विषय में अन्य छोटी चीजें हैं
H4-H5 की आवश्यकता कम पड़ती हैं
Answer:18 कीवर्ड डेंसिटी का मतलब है कि आपने अपने कंटेंट में कितनी बार अपना फोकस कीवर्ड जोड़ा है। यह कीवर्ड डेंसिटी 1% से 2% के बीच होती है।
Answer:19 कीवर्ड स्टफिंग का मतलब है कि आपने अपने कंटेंट में अपने फोकस कीवर्ड को सीमा से अधिक जोड़ दिया है।
Answer:20 गूगल सर्च रिजल्ट में अच्छे स्थान पर रैंक करने के लिए आपकी कंटेंट की लंबाई 800 से 1000 के बीच होनी चाहिए, इससे अधिक बेहतर है।
  1. Off Page SEO Interview Questions जानिए कुछ बहुत ही जरुरी Questions and Answers
  2. On Page SEO Interview Questions जानिए कुछ बहुत ही जरुरी Questions जो हर SEO इंटरव्यू में पूछे जाते हैं
  3. Technical SEO Interview Questions इंटरव्यू में पूछे जाने वाले ज़रूरी सवाल और जवाब
  4. Local SEO Interview Questions जानिए कुछ जरूरी Questins and Answers

Leave a Comment